Tuesday, March 7, 2017

कैलिफोर्निया की राजधानी में होली पर हुआ हुड़दंग कवि सम्मेलन

कैलिफोर्निया की राजधानी में होली पर हुआ हुड़दंग कवि सम्मेलन 















४ मार्च २०१७, अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य की राजधानी सैक्रामेंटो में निर्मित लक्ष्मी नारायण मंदिर में होली के अवसर पर सामाजिक संस्था सेवा यु एस ए द्वारा हास्य कवि सम्मेलन, हुड़दंग २०१७ का आयोजन किया गया। डॉ प्रतिभा सक्सेना द्वारा किये गए दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत नम्रता, दिव्या और ऐनी नें सरस्वती वंदना कर के कार्यक्रम को प्रारम्भ किया। इस सुअवसर पर सबसे पहले हिंदी भाषा और साहित्य के प्रसार हेतु डॉ प्रतिभा सक्सेना, डॉ नीलू गुप्ता और डॉ शकुंतला बहादुर को हुड़दंग सम्मान से सम्मानित किया गया। कवि सम्मेलन में जय श्रीवास्तव, शिवेश सिन्हा, अर्चना पांडा, मंजू मिश्रा, प्रांजलि सिरासव, मनीष श्रीवास्तव, शोनाली श्रीवास्तव, चिंतन राज्यगुरु, निहित कौल, आलोक शंकर नें अपनी रचनायें सुनाईं। अरविन्द मल्लिक नें सेवा के विषय में श्रोताओं को जानकारी प्रदान करी। यह सैक्रामेंटो क्षेत्र में पहला हिंदी कवि सम्मेलन था। श्रोताओं ने सभी कवियों के ढेर सारा स्नेह दिया और पूरे मन से उनकी रचनओं का आनंद लिया। अनेक अवसरों पर कवियों के काव्यपाठ के बाद श्रोताओं नें अपने स्थान पर खड़े होकर तालियां बजाते हुए कवि को सम्मान दिया। इस आशा के साथ की सैक्रामेंटो नगरी में हिंदी काव्य की अजस्र धरा अब अनवरत प्रवाहित होती रहेगी यह हुड़दंग २०१७ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का सञ्चालन हास्य कवि अभिनव शुक्ल ने किया।

https://youtu.be/vJ6aLF0I970 - मनीष श्रीवास्तव जी नें बनाया चित्रों का वीडियो।
Photo link https://goo.gl/photos/GdPtTZkrWz6nRiGVA
More Pics: https://drive.google.com/drive/folders/0B2tQ-ZMnHU_XNFdUUWNxRE5qOTg

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Manjuji's FB Post

कल शनिवार, 4 मार्च, 2017 की शाम रही होली के हुड़दंग के नाम, इस सुन्दर समारोह का आयोजन सेवा (SEWA USA) के तत्वावधान में हमारे सबके प्रिय, चिर परिचित हास्य कवि अभिनव शुक्ला द्वारा कैलिफ़ोर्निया के सैक्रामेंटो शहर के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में किया गया था। सेवा के प्रतिनिधियों ने सबको सेवा के विषय में महत्त्वपूर्ण जानकारी भी दी।
होली के नाम, कविताओं भरी इस शाम का शुभारंभ हिंदी की वरिष्ठ लेखिका डॉ. प्रतिभा सक्सेना जी द्वारा दीप जलाकर किया गया। मंत्रोच्चार द्वारा उनका साथ दिया श्रीमती शकुंतला बहादुर एवं नीलू गुप्ता जी ने। प्रतिभा जी से भेंट का सुअवसर, एक स्वप्न के सत्य होने जैसा था। वे हिंदी साहित्य के शीर्ष पर विराजमान होते हुए भी घमंड से कोसों दूर एकदम निश्छल स्वाभाव की महिला हैं। वे इतने प्रेम से मिलीं कि लगा ही नहीं यह उनसे प्रथम भेंट है।
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विश्व हिंदी ज्योति की एक पूरी टोली बे एरिया से सैक्रामेंटो, इस कार्यक्रम का आनंद उठाने के लिए गयी थी। जिसमे नीलू गुप्ता जी, शकुंतला बहादुर जी, लता जी, हेम जी, मनीष, शोनाली, अर्चना, शिव, अंजना गुप्ता जी प्रांजलि एवं नन्ही आान्या के साथ मैं भी शामिल थी। कार्यक्रम का संचालन, कवितायेँ, स्नेह एवं आवभगत सब एक से बढ़ कर एक रहे। कुल मिला कर एक अत्यंत सफल आयोजन हुआ, जिसका श्रेय "सेवा" एवं हुड़दंग के सभी सदस्यों को जाता है।
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डॉ. प्रतिभा सक्सेना, आलोक शंकर, निहित कौल, शिवेश सिन्हा, जय श्रीवास्तव, चिंतन राज्यगुरु, अभिनव शुक्ल तथा विश्व हिंदी ज्योति की नीलू गुप्ता जी, शकुंतला जी, मनीष, शोनाली, अर्चना, प्रांजलि एवं मंजु मिश्रा ने काव्य पाठ किया। रेखा मैत्र जी की सुन्दर कविता का वाचन अभिनव शुक्ल ने किया
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जो कविता मैंने कल होली का हुड़दंग में पढ़ी थी आप सबके लिए यहाँ प्रस्तुत है। यह घनाक्षरी छंद विधा में मेरी पहली कोशिश है, कुछ भूल चूक होगी तो होली के हुड़दंग में माफ़ हो जाएगी😊
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होली का छंद
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फागुन की आहट का कैसा है असर यहाँ
एक बार सब, जरा जोश से बताइये
होली का हुड़दंग है, मन मे उमंग है तो
एक बार जोरदार तालियाँ बजाइये
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भरी पिचकारी आज कवियों ने सारी यहाँ
मस्ती की तरंग जैसे छायी चहूँ ओर है
खुशियों के रंग हैं प्रेम की सुगंध है
लगता है पानी में ही घुल गयी भंग है
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शब्द शब्द भर भर डारेंगे गुलाल आज
जिया में खुमार लिए टोली यहाँ आयी है
जन जन बने आज राधा और कान्हा यहाँ
लगे बृज भूमि अमरीका चली आयी है
लगे बृज भूमि अमरीका चली आयी है
लगे बृज भूमि अमरीका चली आयी है
सब को होली की अग्रिम शुभकामनाएँ
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Shiveshji's FB Post
Was a pleasure to organize, host and recite at a Kavi Sammelan (poetry recital) on behalf of SEWA Sacramento on 4th March. Great effort by SEWA Sacramento team led by Jay Shrivastava and volunteered by Namrata ShrivastavaArvind Mallik, Anne Das, Abhinav ShuklaDeepti Sharan ShuklaDivya SinhaParesh Sinha, Archisha Sinha, Smita SinhaRao DurisetiVish TuragaAlok KrishnaAjai SinghTarachand DatusaliaAnurag SaxenaHarsh Verma and many others to make this event a huge success. The whole event was a great example of volunteerism, dedication and team work. Thanks to Lakshmi Narayan Temple, Sacramento for allowing us to use the venue and providing us all the support. Thanks to sponsors Dr Alok KrishnaArvind Mallik, Bulbul & Amita Kadakia for sponsoring the event. Great anchoring done by the great poet-Abhinav Shukla, the gem the lucky Sacramento got recently.
And.. last but not the least-A big gratitude to great poets from SF Bay area who took time of their busy Saturday and drove 125+ miles to be with us and entertain & inspire us with their greatest creations - Manish Shrivastava, Shonali Shrivastava, Shakuntala Bahadur, Neelu Gupta, Dr. Pratibha Saxena, Archana Panda
Pranjali Sirasav, Alok ShankarManju MishraNihit Kaul
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Deepti ji's FB Post

A huge Thank you to the skilled organizers Jay Shrivastava Bhaisab, Namrata Shrivastava Bhabhi, Shivesh K Sinha ji, Divya ji, Arvind ji, Anne ji and SEWA-Sacramento for hosting Sacramento's first successful Hindi Kavi Sammelan.
Thank you to SEWA Sacramento and other sponsors!
Thank you to Hss Sacramento volunteers to step up and keep the kids occupied through the program! The kids reported they equally had a blast!
Thank you @Neelu Gupta didi, Shakuntala Bahadur didi, Manju Mishra didi, Archana Panda didi, @Shonali Didi, @Maneesh ji, Nihit Kaul ji, Alok Shankar ji, @Pranjali didi for driving from Bay Area and add unique colors of creativity!
Local Poets Jay Shrivastava Bhaisab, @Chintan ji, Shivesh K Sinha ji, Dr. Pratibha Saksena didi and Abhinav Shukla ji.
Abhinav ji assisted transitioning from one poet to the next; weaving the entire show with utmost dexterity!
It was a proud moment to see Dr. NeeluGupta di, Dr. Pratibha Saxena di, and Dr. Shakunta Bahadur di for being felicitated for their exemplary contributions in Hindi language; literature and poetry!
And last but not the least a huge thank you to the amazing audience of Greater Sacramento for making the area's first Hindi Kavi Sammelan a huge success! This is the starting of new beginnings!

Tuesday, February 21, 2017

हुड़दंग २०१७ - शिवेश सिन्हा


कक्षा चार से कविता लिखना प्रारम्भ करने वाले शिवेश के परिवार के अनेक सदस्य साहित्यिक पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं। बनारस के रसों से सराबोर शिवेश के व्यक्तित्व का अपना निराला ही रंग है, जिससे मिलते हैं उसे अपना बना लेते हैं और उनकी कविताओं में एक खनक है जो कविता समाप्त होने के बाद भी श्रोताओं के मन में गूंजती रहती है। टाइम्स आफ इण्डिया से लेकर एनडीटीवी तक उनकी कविता पहुंची है। इस हुड़दंग में शिवेश भी अपनी उपस्थिति से रंग भरेंगे। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने।

Monday, February 13, 2017

हुड़दंग २०१७ - अभिनव शुक्ल


नई पीढ़ी के बहुप्रतिष्ठित कवि तथा व्यंगकार अभिनव शुक्ल हिन्दी काव्य मंचों पर अपने गुदगुदाते घनाक्षरी छंदों के लिए पहचाने जाते हैं। अपने आस पास घटने वाली घटनाओं से लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बड़ी बेबाकी से कसे उनके व्यंग बाण किसी पत्थर का भी दिल आर पार करने की क्षमता रखते हैं। हमारे हुल्लड़ के सञ्चालन की बागडोर अभिनव के हाथों में है। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने।

हुड़दंग २०१७ - शकुंतला बहादुर


भारत में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से आने वाली डॉ शकुन्तला बहादुर लखनऊ विश्वविद्यालय तथा उससे सम्बद्ध महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ३७ वर्षों तक संस्कृत प्रवक्ता तथा विभागाध्यक्षा के पद पर कार्यरत रहने के बाद प्राचार्या पद से अवकाश प्राप्त हैं। वे जब मंच से अपना काव्य पाठ करती हैं तो उनकी रचना का शाब्दिक सौन्दर्य और प्रवाह सभी को प्रभावित करता है। वे भी हमारे संग हुल्लड़ में सम्मलित होकर इस कार्यक्रम की गरिमा में वृद्धि करेंगी। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने।

हुड़दंग २०१७ - प्रांजलि सिरासव


प्रांजली सिरासव, युनिवर्सिटी औफ़ कैलिफोर्निया – बर्कली में प्राध्यापिका हैं व साथ ही स्टैनफ़र्ड युनिवर्सिटी में साप्ताहिक हिन्दी रेडियो कार्यक्रम, “चाय टाइम” प्रसारित करती हैं।वो आसपास की ज़िंदगी को, दिल में आए ख़यालों को, बिना किसी विधा के बंधन में बांधे कागज़ पर उतारने की कोशिश करती हैं। यदि वो शब्द सुननेवाले के दिल तक पहुँच गए तो कविता कहलाते हैं अन्यथा प्रांजली उन शब्दों को अभिव्यक्ति का एक प्रयास मानकर फिर नए शब्द पिरोने में जुट जाती हैं। प्रांजलि भी हमारे साथ इस हुड़दंग में शामिल होंगी। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने। 

Sunday, February 12, 2017

हुड़दंग २०१७ - मंजू मिश्रा


"ज़िन्दगी यूँ तो" नामक पुस्तक की लेखिका, मंजू मिश्रा अपनी रचनाओं में ज़िन्दगी की गहरी पड़ताल करती हैं। वे विशेष रूप से छोटी कविताएं, मुक्तक, क्षणिकाएं, हाइकू एवं लघुकथा लिखती हैं। उनके काव्य में संवेदना के स्तर पर अनेक प्रयोग देखने को मिलते हैं। कम शब्दों में बड़ी से बड़ी बात कहने का हुनर मंजू के पास है। मंजू भी हमारे संग हुड़दंग में रंग जमाएंगी। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने। 

हुड़दंग २०१७ - आलोक शंकर


आलोक शंकर बे एरिया में रहते हैं। जब वक्त मिले कवितायेँ लिख लेते हैं । कविताओं का स्वर उम्र के साथ बदलता रहा है। अमेरिका आने से पहले पत्रिकाओं, कवि सम्मेलनों, रेडियो, संकलनों आदि पर कविताएँ की हैं । एक हिंदी फिल्म के लिए गीत भी लिखा जिसे मोहित चौहान ने गाया है। आलोक भी हमारे संग हुड़दंग में शामिल होंगे। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने। 

हुड़दंग २०१७ - शोनाली एवं मनीष श्रीवास्तव


शोनाली और मनीष बे एरिया में रहते हैं तथा गीत, संगीत और सुरों के रंग इस संसार में भरते रहते हैं। मनीष हाइकु, लिमरिक से लेकर छंदों तक में अपनी ज़ोर आजमाइश करते हैं और वहीं शोनाली भी कविताओं में कोमल स्वरों को स्थान देती रहती हैं। यह सांस्कृतिक कलाकार दम्पति भी हमारे साथ हुड़दंग मचाने आ रहा है। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने। 

हुड़दंग २०१७ - प्रतिभा सक्सेना


हिंदी साहित्य की उद्भट विद्वान एवं सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ प्रतिभा सक्सेना फॉल्सम में रहती हैं। गद्य और पद्य दोनों में उन्होंने खूब लिखा है। उनके द्वारा रचित "उत्तर कथा" को हिंदी भाषा के एक कालजयी ग्रन्थ के रूप में देखा जाता है। उनकी उपस्तिथि इस वर्ष के हुल्लड़ को गरिमा प्रदान करेगी। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने। 

Saturday, February 11, 2017

हुड़दंग २०१७ - निहित कौल


निहित कौल जब डूब कर अपना गीत सुनाते हैं तो मानो वक्त थम सा जाता है। जब उन्हे अपनी व्यस्त दिनचर्या से फुर्सत मिलती है तो वह हिन्दी व उर्दू में कविताएँ और गीत लिखना पसंद करते हैं| वह संगीत में भी रुचि रखते हैं और अपनी रचनाओं को लय में ढाल कर सुनाते हैं| वे भी हमारे संग हुड़दंग करेंगे। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने। 

हुड़दंग २०१७ - नीलू गुप्ता


'जीवन फूलों की डाली' नामक पुस्तक लिखने वाली नीलू गुप्ता अपनी उपस्तिथि से इस जग को महकाती रहती हैं। बे एरिया में होने वाले सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों में उनके संरक्षण का विशेष योगदान रहता है। यह इस हुड़दंग के लिए गौरव की बात है कि वे हमारे इस आयोजन में सहभागी बन रही हैं। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने। 

हुड़दंग २०१७ - अर्चना पांडा



पिछले दशक में जिन कवयित्रियों नें अपनी उपस्थिति को पूरी धमक के साथ मंच पर दर्ज कराया है उनमें अर्चना पांडा का नाम अग्रिम पंक्ति में आता है।  अर्चना पंडा बे-एरिया में रहती हैं। अर्चना भारत से अभियांत्रिकी तथा प्रबंधन की शिक्षा ग्रहण कर १९९९ में अमेरिका आयीं हैं। कविता  के साथ इनकी गहरी रूचि गायन , वादन, नृत्य, भाषा एवं साहित्य में भी  है. भारत से अमेरिका आई प्रवासी नारी के मन की उथल पुथल को अर्चना नें अपनी कविताओं में एक सशक्त अभिव्यक्ति दी है। अर्चना की कविताएं आपको हंसयेंगी भी तथा अपने भीतर झांक कर देखने के लिए प्रेरित भी करेंगी। अर्चना भी हमारे साथ इस हुड़दंग में शामिल होंगी। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने। 

हुड़दंग २०१७ - जय श्रीवास्तव


इस वर्ष के हुड़दंग में अपनी कविताओं से रंग भरेंगे, अल डोराडो हिल्स में रहने वाले जय श्रीवास्तव। उत्सव और उल्लास जय की प्रवृत्ति में हैं और अच्छी कविता की समझ उन्हें अपने पिता से विरासत में प्राप्त हुई है। सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले जय को इस हुड़दंग में सुनकर आपका मन भी गार्डन गार्डन हो जाएगा। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने।