Tuesday, February 21, 2017

हुड़दंग २०१७ - शिवेश सिन्हा


कक्षा चार से कविता लिखना प्रारम्भ करने वाले शिवेश के परिवार के अनेक सदस्य साहित्यिक पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं। बनारस के रसों से सराबोर शिवेश के व्यक्तित्व का अपना निराला ही रंग है, जिससे मिलते हैं उसे अपना बना लेते हैं और उनकी कविताओं में एक खनक है जो कविता समाप्त होने के बाद भी श्रोताओं के मन में गूंजती रहती है। टाइम्स आफ इण्डिया से लेकर एनडीटीवी तक उनकी कविता पहुंची है। इस हुड़दंग में शिवेश भी अपनी उपस्थिति से रंग भरेंगे। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने।

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