Sunday, February 12, 2017

हुड़दंग २०१७ - मंजू मिश्रा


"ज़िन्दगी यूँ तो" नामक पुस्तक की लेखिका, मंजू मिश्रा अपनी रचनाओं में ज़िन्दगी की गहरी पड़ताल करती हैं। वे विशेष रूप से छोटी कविताएं, मुक्तक, क्षणिकाएं, हाइकू एवं लघुकथा लिखती हैं। उनके काव्य में संवेदना के स्तर पर अनेक प्रयोग देखने को मिलते हैं। कम शब्दों में बड़ी से बड़ी बात कहने का हुनर मंजू के पास है। मंजू भी हमारे संग हुड़दंग में रंग जमाएंगी। द्वार ठीक साढ़े तीन बजे खुलेंगे, हमारे अपने लक्ष्मी नारायण मंदिर के सभागार में, चार मार्च २०१७ के दिन, आप भी आइयेगा हमारे साथ कविताओं का हुड़दंग मचाने। 

No comments:

Post a Comment